क्या लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है?

क्या लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है?

क्या लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है?

क्या लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है?

लेसिक सर्जरी एक दृष्टि सुधार प्रक्रिया है जो चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस के बिना स्पष्ट दृष्टि प्राप्त करने के लिए कॉर्निया के आकार को बदलती है। कॉर्निया आंख के सामने एक स्पष्ट गुंबद के आकार का ऊतक है जो प्रकाश को रेटिना पर केंद्रित करता है। लेसिक सर्जरी एक्साइमर लेजर का उपयोग करके कॉर्निया से ऊतक को हटाकर कॉर्निया के आकार को बदलती है।

हालांकि, लेसिक लेजर सर्जरी के बाद इसे दोबारा कराने की ज़रूरत लगभग  ना  के बारबार होती है लेकिन, कई मामलों में लेसिक सर्जरी की प्रभाविकता भी समय के साथ कम हो सकती है और व्यक्ति को दोबारा से लेसिक लेज़र  सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.  लेकिन यहाँ पर एक सवाल उत्पन्न होता है कि क्या लेसिक सर्जरी को दोहराया जा सकता है?

इस लेख में, हम उन बातों के बारे में जानेंगे जो दोबारा लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकते हैं और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे मे चर्चा करेंगे।

क्या लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है?

हाँ, लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है। इसे “लेसिक एन्हांसमेंट” कहा जाता है। लेसिक एन्हांसमेंट तब की जाती है जब रोगी की दृष्टि पहली लेसिक प्रक्रिया के बाद अपेक्षा के अनुसार नहीं सुधारती है। लेसिक एन्हांसमेंट आमतौर पर पहली लेसिक प्रक्रिया के 2-3 महीने बाद की जाती है, जब आँखें ठीक हो जाती हैं और दृष्टि स्थिर हो जाती है।

लेसिक एन्हांसमेंट के कुछ कारणों में शामिल हैं:

  • दृष्टि में सुधार की कमी
  • कॉर्निया की असमानता
  • दृष्टि में उतार-चढ़ाव
  • नेत्र रोग

लेसिक एन्हांसमेंट एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है, लेकिन यह पहली लेसिक प्रक्रिया से अधिक जटिल हो सकती है। लेसिक एन्हांसमेंट के जोखिमों में शामिल हैं:

  • सूजन
  • दर्द
  • चुभना
  • धुंधली दृष्टि
  • संक्रमण
  • आँखों में कट लगना

लेसिक एन्हांसमेंट की ज़रूरत

लेसिक एन्हांसमेंट की ज़रूरत कई कारणों से पड़ सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  1. दृष्टि में सुधार की कमी: कुछ मामलों में, लेसिक सर्जरी के बाद दृष्टि पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती है। यह कॉर्निया की असमानता, नेत्र रोग या अन्य कारकों के कारण हो सकता है।
  2. कॉर्निया की असमानता: लेसिक सर्जरी कॉर्निया की आकृति को बदलकर काम करती है। कई बार कुछ कारणों (जैसे : इलाज के दौरान चूक हो जाने, इलाज के बाद पेशेंट द्वारा की गयी गलतियां आदि) की वजह से लेसिक सर्जरी के बाद कॉर्निया अधिक असमान बना सकती है। इससे दृष्टि में सुधार की कमी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  3. दृष्टि में उतार-चढ़ाव: कुछ लोगों में, लेसिक आई सर्जरी के बाद दृष्टि में उतार-चढ़ाव हो सकता है। यह उम्र बढ़ने, नेत्र रोग या अन्य कारकों के कारण हो सकता है।
  4. नेत्र रोग: कुछ नेत्र रोगों, जैसे मोतियाबिंद या ग्लूकोमा, से दृष्टि प्रभावित हो सकती है। लेसिक सर्जरी के बाद इन रोगों से दृष्टि में और अधिक गिरावट आ सकती है।
  5. आरंभिक अधोसुधार या अतिसुधार: कभी- कभी, प्रारंभिक लेसिक सर्जरी में अपवर्तक त्रुटि में अधो सुधार या अति सुधार हो सकता है। ऐसे मामलों में दोहराई जाने वाली प्रक्रिया, जिसे सुधार या टच-अप कहा जाता है। यह प्रक्रिया परिणामों को अच्छी तरह से महसूस करने के लिए चुना जा सकता है।
  6.  तकनीकी उन्नति: लेसिक प्रौद्योगिकी और सर्जिकल तकनीकों में उन्नति समय के साथ हो सकती है, जो पहले से लेसिक प्रक्रिया करने वाले व्यक्तियों के लिए सुधारे गए परिणाम प्रदान कर सकती है। अगर कोई व्यक्ति अपने प्रारंभिक परिणाम से असंतुष्ट है, तो वे नवीनतम उन्नतियों का उपयोग करके एक दोबारा सर्जरी का विचार कर सकते हैं।

लेसिक सर्जरी दोबारा कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:

दोबारा लेसिक लेजर दृष्टि सुधार सर्जरी कराने से पहले, निम्न बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

  1. अपने डॉक्टर को अपनी वर्तमान दृष्टि, आपके स्वास्थ्य का इतिहास और आपके लेसिक सर्जरी के पुराने  अनुभव के बारे में बताएं। वे आपको यह तय करने में मदद कर सकते हैं कि लेसिक एन्हांसमेंट आपके लिए सही है या नहीं।
  2. अपने विकल्पों पर विचार करें। लेसिक एन्हांसमेंट के अलावा, अन्य दृष्टि सुधार विकल्प भी उपलब्ध हैं, जैसे कि PRK या ICL। अपने डॉक्टर से सर्जरी के इन प्रकार के बारे में बात करें और यह तय करें कि कौन सा आपके लिए सबसे अच्छा है।
  3. अपने जोखिमों को समझें। लेसिक एन्हांसमेंट सुरक्षित है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं। इन जोखिमों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और सुनिश्चित करें।
  4. सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक आराम करने की आवश्यकता होगी। सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त समय और संसाधन उपलब्ध हैं ताकि आप ठीक हो सकें।
  5. अपनी रिकवरी प्रक्रिया का पालन करें। अपने डॉक्टर के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें ताकि आपकी रिकवरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चले।
  6. अपनी दृष्टि की निगरानी करें। सर्जरी के बाद अपनी दृष्टि की नियमित रूप से जांच करवाएं। यदि आपको कोई समस्या है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  7. लेसिक एन्हांसमेंट पहली लेसिक प्रक्रिया से अधिक जटिल हो सकती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक योग्य नेत्र सर्जन द्वारा इलाज कराएं।

निष्कर्ष:

लेसिक सर्जरी को दोहराना संभव है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कुछ जोखिम शामिल हैं। यदि आप लेसिक एन्हांसमेंट पर विचार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें ताकि वे यह निर्धारित कर सकें कि यह आपके लिए सही है या नहीं। यदि आप इस विषय  में  एक अच्छे आई स्पेशलिस्ट से परामर्श  करना चाहते हैं तो प्लैनेट लेसिक में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं अथवा कॉल कर सकते हैं।

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