चश्मा हटाने में प्रयुक्त लेसिक लेज़र के लाभ क्या हैं?

चश्मा हटाने में प्रयुक्त लेसिक लेज़र के लाभ क्या हैं?

 

आजकल की बदलती दिनचर्या और खानपान ने बहुत सी बीमारियों को जन्म दिया है, आँखों की समस्याएं भी उनमें से एक है। जहां पहले चश्में सिर्फ अधिक उम्र के लोगों को लगते थे, वहीं आज 4 -5 वर्ष के उम्र के बच्चे भी चश्मे पहने नज़र आते हैं। लेकिन हर किसी को चश्मे या कॉन्टैक्ट लैंसेस का इस्तेमाल करना सुविधाजनक नहीं लगता। लेसिक सर्जरी एक ऐसा कारगर इलाज है जिससे व्यक्ति अपवर्तक त्रुटियों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकता है। चलिए जानते हैं कि चश्मा हटाने में लेसिक लेज़र के क्या लाभ हो सकते हैं।

लेसिक सर्जरी क्या है?

LASIK सर्जरीका पूरा नाम लेज़र असिस्टेड इन सीटू केटमिलेयसिस है। यह एक अपवर्तक नेत्र शल्य चिकित्सा है, जिसमें चिकित्सक आँखों की कॉर्निया के आकार में परिवर्तन कर, आँखों मे होने वाली अपवर्तक त्रुटियां, जैसे निकट दृष्टि दोष, दूर दृष्टि दोष, और धुंधली दृष्टि आदि का इलाज करते हैं। 

अपवर्तक त्रुटियां क्या होती हैं?

जब हमारी आँखों पर प्रकाश की किरण पड़ती है तो यह पहले आँखों में मौजूद कॉर्निया और लेंस से अपवर्तित (refract) होकर पीछे रेटिना पर पड़ती है। जब किरण ठीक से अपवर्तित होती है तो हमारी आँखों पर स्पष्ट चित्र बनता है। वहीं जिन आँखों में निकट दृष्टि दोष (myopia) , दूर दृष्टि दोष (hyperopia) या धुंधली दृष्टि (blurry vision) पाया जाता है, कॉर्निया और लेंस, प्रकाश किरणों को सही दिशा में मुड़ने या अपवर्तित होने से रोकती है। जिससे रेटिना में प्रकाश पड़ने पर, दृष्टि धुंधली दिखाई देती है। 

लेसिक सर्जरी में लेज़र का उपयोग कर कॉर्निया के आकार में परिवर्तन कर दिया जाता है। जिससे प्रकाश की किरण सही दिशा मे अपवर्तित होकर स्पष्ट चित्र बनाती है।

 लेसिक सर्जरी कैसे करते हैं?

लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया लगभग 30 मिनट की होती है। यह एक आउटपेशेंट प्रक्रिया है, मतलब सर्जरी होने के बाद आप उसी दिन घर वापस जा सकते हैं।

  • लेसिक सर्जन रोगी को एक कुर्सी में लिटाकर आँखों में आई ड्राप डालेंगे, यह ड्राप आँखों को सुन्न करने के लिए होता है। अब लेसिक सर्जन एक उपकरण की सहायता से आँखों को खुला रखेंगे। 
  • आँखों की कॉर्निया पर एक पतला फ्लैप बनाया जाएगा। जिसके लिए सर्जन माइक्रोकेराटोम नामक उपकरण का उपयोग करेंगे। 
  • सर्जन उस फ्लैप को मोड़कर अंतर्निहित कॉर्निया ( स्ट्रोमा) तक पहुँचता है। यहाँ वह लेज़र का उपयोग कर कुछ कॉर्नियल टिश्यू को हटा देता है, और कॉर्निया को एक नया आकार देता है। इससे कॉर्निया पर पड़ने वाला प्रकाश अब सटीक रूप से अपवर्तित होगा और दृष्टि पहले से बेहतर होगी। 
  • कॉर्निया को आकार देने के बाद उस फ्लैप को वापस उसी जगह रख दिया जाता है। कुछ समय पश्चात, उपचार अवधि में फ्लैप स्वयं ही अंतर्निहित कॉर्निया को ढक देता है। 
  • सर्जरी के बाद टांके या पट्टी की कोई आवश्यकता नहीं होती, रोगी को सिर्फ आई ड्रॉप ही दिया ।

लेसिक सर्जरी के लाभ

एक स्थायी उपचार

यदि आप जीवन भर बिना चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के एक स्पष्ट दृष्टि पाना चाहते हैं तो लेसिक सर्जरी एक बेहतर विकल्प साबित होता है। लेसिक सर्जरी आपको उम्र भर के लिए बेहतर दृष्टि प्रदान करती है।

दर्द रहित प्रक्रिया

सर्जरी का नाम सुन कर अधिकतर लोगों के मन मे पहली चीज़ दर्द और रक्तस्राव होना ही आता है। परंतु घबराइए नहीं, क्योंकि लेसिक सर्जरी पूर्णतः दर्द रहित प्रक्रिया है और रक्तस्राव की भी संभावना नहीं होती।

शीघ्र उपचार

यह प्रक्रिया 15 -30 मिनट की होती है, जिसके बाद रोगी उसी दिन घर वापस लौट सकता है। इसलिए लेसिक लेज़र सर्जरी को आउटपेशेंट प्रक्रिया भी कहा जाता है। रिकवरी में लगभग 15 दिनों का समय लगता है।

विभिन्न अपवर्तक त्रुटियों का सुधार

लेसिक प्रक्रिया शुरू में तो केवल निकट दृष्टि दोष(myopia) को ठीक करने में कारगर थी, लेकिन आज लगभग हर तरह के दृष्टि दोषों, जैसे- दूर दृष्टि दोष (hyperopia), और धुंधली दृष्टि (blurred vision) को भी ठीक करने में कारगर है।

डॉक्टर के विचार

निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष का इलाज करने के लिए लेसिक लेज़र एक बहुत ही बेहतर उपचार विकल्प है। नॉन-इनवेसिव सर्जरी होने के कारण इलाज के बाद रोगी उसी दिन घर जा सकता है। शीघ्र उपचार, दर्द रहित प्रक्रिया आदि इसके लाभ हैं जो अपवर्तक त्रुटियों का इलाज के लिए इसे एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। यदि आप आँखों की समस्याओं से परेशान हैं और लेसिक सर्जरी कराना चाहते हैं तो सेंटर फॉर साइट में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

लेसिक सर्जरी के बाद इन बातों का ध्यान के बारे में और जानें.